नीरज पांडे की नई फिल्म “Sikandar Ka Muqaddar”
नीरज पांडे, जो “अ वेडनसडे”, “बेबी” और “स्पेशल 26” जैसी यादगार फिल्मों के लिए मशहूर हैं, इस बार नेटफ्लिक्स पर “सिकंदर का मुकद्दर” लेकर आए हैं। यह फिल्म एक क्राइम थ्रिलर है, जिसकी कहानी डायमंड चोरी की घटना के इर्द-गिर्द घूमती है।
Sikandar Ka Muqaddar की कहानी
फिल्म की शुरुआत 15 फरवरी 2009 को होती है, जब एक फोन कॉल से खबर मिलती है कि डायमंड एग्जीबिशन में चोरी होने वाली है। इसके बाद, एग्जीबिशन में अनमोल हीरे चोरी हो जाता है। इस चोरी के तीन मुख्य संदिग्ध हैं:
- मंगेश देसाई (राजीव मेहता)
- कामिनी सिंह (तमन्ना भाटिया)
- सिकंदर शर्मा (अविनाश तिवारी)
चोरी की जांच के लिए तेज-तर्रार और अनुभवी पुलिस अधिकारी जसविंदर सिंह (जिमी शेरगिल) को नियुक्त किया जाता है। जसविंदर सिंह का रिकॉर्ड अब तक हर केस को सुलझाने का रहा है। लेकिन यह मामला उनके लिए चुनौती बन जाता है।
जांच के दौरान, जसविंदर तीनों संदिग्धों से सख्ती से पूछताछ करते हैं, लेकिन ठोस सबूत नहीं मिलते। कहानी एक नया मोड़ तब लेती है जब 15 साल बाद जसविंदर सिंह अपनी नौकरी और निजी जीवन में असफल हो जाते हैं। वह सिकंदर शर्मा से माफी मांगते हैं, लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती। असली चोर कौन है और जसविंदर सच तक पहुंच पाते हैं या नहीं, यह जानने के लिए आपको “सिकंदर का मुकद्दर” देखनी होगी।
फिल्म का प्रभाव और समीक्षा
- Sikandar Ka Muqaddar एक रोमांचक और मनोरंजक थ्रिलर है, जो दर्शकों को आखिरी तक बांधे रखती है। हालांकि फिल्म का क्लाइमैक्स उतना सशक्त नहीं है।
- जिमी शेरगिल और अविनाश तिवारी ने अपने किरदारों को बेहतरीन ढंग से निभाया है।
- यह फिल्म नैतिकता, जुनून और आरोपों के कारण जीवन में आए बदलाव जैसे गहन विषयों पर प्रकाश डालती है। अगर आप सस्पेंस और क्राइम ड्रामा पसंद करते हैं, तो यह फिल्म आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकती है।
Also Read – Bigg Boss 18 Wild Card Eviction – कौन हुआ घर से बेघर?